मैं स्वर्गीय इंदिरा जी से बहुत ज़्यादा प्रभावित हूँ । भारत को आज भी उनके जैसे प्रतिभाशाली नेता की ज़रूरत है । जितना भी इतिहास मुझे पता हिया उसके अनुसार सन्१९५९ में इंदिरा जी चौथी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महिला ( चुनाव द्वारा ) प्रेजिडेंट बनी , बाद में प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में सन् १९६४ में भारत देश की सूचना और प्रसारण मंत्री बनी । मंत्री की तौर पर उन्होंने सस्ते रडियो और परिवार नियोजन पर ज़ोर दिया । शास्त्री जी की मृत्यु के उपरांत सन् १९६६ से अगले चुनाव तक इंदिरा जी के रूप में भारत को पहली महिला प्रधानमंत्री मिली। सन् १९६७ के चुनाव में श्रीमती गाँधी जीत कर पहली लोकतान्त्रिक रूप में छनी हुई महिला प्रधान मंत्री बनी । अगले चुनाव में "गरीबी हटाओ"का नारा लेकर वो चुनाव लड़ी और फ़िर से इंदिरा जी को भारत ने आपना प्रधानमंत्री चुना।
जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करने के लिए, गांधी एक स्वैच्छिक नसबंदी कार्यक्रम लागू किया। परिणामस्वरूप, शत्रुओं ने उनकी और उसके प्रशासन की आलोचना की। अपनी सरकार को बचाने और दंगो को रोकने के लिए इंदिरा जी ने आपातकाल की घोषणा की जिसमे जनता की स्वतंत्रता को सीमित किया .इसके अलावा, वह मुख्य विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी के आदेश दिए। १९७७ में देशने उनके खिलाफ मतदान किया पर उन्होने पुनः 1980 में प्रधानमंत्री के रूप भारतीय राजनीती में दमदार उपस्थिति दर्ज की ।
अक्तूबर 31, 1984, इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों उसकी हत्या की । वे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर कांड का बदला ले रहे थे पर इस बात से अनजान थे की वो भारत को एक बेहतरीन प्रधानमंत्री से वंचित कर रहे है ।
प्रधानमंत्री के रूप में,इंदिरा गांधी जी ने भारतीयों के जीवन में सुधार करने की कोशिश की. उसके मुख्य उपलब्धियों पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में जीत और सोवियत संघ के साथ संबंधों में सुधार रहे थे। इसके अलावा 1971 में, भारत अंतरिक्ष में अपना पहला उपग्रह भेजा है। इंदिरा जी ने विश्व परिदृश्य में भारत को एक तेज़ी से बढती हुए अर्थवयवस्था के रूप में पेश किया ।
इंदिरा जी आपके द्वारा किए गए कार्य ने देश को नई उचाईयां प्रदान की है , हम सदा आपके आभारी रहेंगे।
जब तक सूरज चाँद रहेगा इंदिरा तेरा नाम रहेगा ॥
Thursday, October 9, 2008
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